असतो मा सद्गमय । तमसो मा ज्योतिर्गमय । मृत्योर् मामृतं गमय ।
मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो । मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो । मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो ।
सद्गुरु ~ यह विशेषण केवल एक आत्म-अनुभवी ऋषि या संत को दिया जाता है, जिनके जीवन का उद्देश्य शिष्य को दीक्षा प्रदान करना तथा आध्यात्मिक पथ पर मार्गदर्शन करना है, जिसे शिष्य स्वयं आत्मानुभव की प्राप्ति कर सके।